नदी को बहने दो नदी को बहने दो
बस आंखें बंद करके उड़ जाना चाहती सारी झंझटों से दूर। बस आंखें बंद करके उड़ जाना चाहती सारी झंझटों से दूर।
दुख में यह बहता है अविरल, ख़ुशियों में इसे छलकने दो दुख में यह बहता है अविरल, ख़ुशियों में इसे छलकने दो
चाँद से कह दो चाँदनी ना बिखेरे चाँद से कह दो चाँदनी ना बिखेरे
फिर धकेला जाता है जीव जीने के लिए यहां से वहाँ दो दरवाजे पर। फिर धकेला जाता है जीव जीने के लिए यहां से वहाँ दो दरवाजे पर।
दो बूँद दो बूँद